नवलगढ़ कांग्रेस बैठक में आंतरिक कलह सतह पर, डॉ. शर्मा के बयान से मचा सियासी बवाल
नवलगढ़। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत नवलगढ़ में आयोजित मुकुंदगढ़ ब्लॉक की बैठक एक बार फिर आंतरिक खींचतान की भेंट चढ़ गई। पूर्व मंत्री व तीन बार विधायक रह चुके डॉ. राजकुमार शर्मा के बयान ने बैठक को हंगामेदार बना दिया। “गद्दारों के साथ मैं मंच नहीं साझा करूंगा,”— डॉ. शर्मा के इस तीखे बयान ने न केवल उपस्थिति कार्यकर्ताओं को जोश से भर दिया, बल्कि पार्टी के भीतर की दरारें भी उजागर कर दीं।
डॉ. शर्मा के बयान से भड़का विवाद
बैठक के दौरान डॉ. राजकुमार शर्मा ने अपने संबोधन में जब उक्त टिप्पणी की, तो कार्यकर्ताओं ने जमकर तालियां बजाईं और “कांग्रेस जिंदाबाद” के साथ-साथ “डॉ. राजकुमार शर्मा जिंदाबाद” के नारे लगाए। इस समर्थन के बीच माहौल तेजी से गर्मा गया। उनकी बात को पार्टी के ही कुछ नेताओं पर सीधा निशाना माना जा रहा है, जिससे उपस्थित नेताओं के बीच असहजता फैल गई।
जिलाध्यक्ष और महिला कांग्रेस पदाधिकारी बैठक से वॉकआउट कर गए
डॉ. शर्मा के बयान के कुछ ही समय बाद झुंझुनूं कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सूंडा और महिला कांग्रेस की एक वरिष्ठ पदाधिकारी बैठक छोड़कर बाहर निकल गए। सूत्रों की मानें तो वे इस बयान से स्पष्ट रूप से आहत थे। दोनों नेताओं के बाहर जाते ही बैठक कुछ समय के लिए ठप हो गई और माहौल को शांत करने में आयोजकों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
पुरानी नाराजगी ने उभारा नया विवाद
जानकारों का मानना है कि यह विवाद केवल तात्कालिक बयान का असर नहीं, बल्कि पिछले विधानसभा चुनाव की खींचतान का नतीजा है। नवलगढ़ सीट से तीन बार विधायक रहे डॉ. राजकुमार शर्मा को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। बताया जाता है कि तब जिलाध्यक्ष दिनेश सूंडा ने प्रचार में साथ तो दिया था, लेकिन जाट समुदाय की नाराजगी को दूर करने में वे सफल नहीं रहे।दिलचस्प तथ्य यह है कि सूंडा को पंचायत समिति का प्रधान बनाने में डॉ. शर्मा ने ही अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन अब वही रिश्ते राजनीति की बिसात पर तनाव में बदलते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर गुटबाजी चरम पर
खेतड़ी में पहले ही कांग्रेस की अंदरूनी कलह सुर्खियों में थी और अब नवलगढ़ की यह घटना पार्टी के लिए एक और झटका मानी जा रही है। ऐसे समय में जब कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के ज़रिये अपनी जड़ों को मज़बूत करने की कोशिश कर रही है, इस प्रकार की घटनाएं नेतृत्व के लिए चुनौती बनती जा रही हैं।
पार्टी हाईकमान की नजरें अब नवलगढ़ पर
पार्टी सूत्रों की मानें तो राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी इस घटनाक्रम को गंभीरता से ले रही है। डॉ. शर्मा के बयान और जिलाध्यक्ष के वॉकआउट की रिपोर्ट जल्द ही जयपुर पहुंचाई जाएगी। आगामी निकाय चुनावों और संगठन विस्तार के लिहाज से यह घटना कांग्रेस के लिए चिंतन का विषय बन सकती है।