दिल्ली के एयर फोर्स अस्पताल में सार्जेंट सुरेंद्र मोगा के नाम पर बना ‘सुरेंद्र हॉल’
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
भारतीय वायु सेना ने अपने जांबाज एयर वॉरियर सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की बहादुरी और बलिदान को सदैव अमर बनाए रखने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में दिल्ली स्थित एयर फोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैब्लिशमेंट में एक हॉल को उनके नाम पर समर्पित किया गया है। जिसे अब सुरेंद्र हॉल के नाम से जाना जाएगा। सुरेंद्र मोगा झुंझुनूं जिले की मंडावा तहसील के गांव मेहरादासी के रहने वाले थे। 10 मई 2025 को चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सार्जेंट मोगा एक कॉम्बैट मेडिक के रूप में तैनात थे। दुश्मन की मिसाइल और बमबारी में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने अंतिम सांस तक अपने साथियों की मदद जारी रखी। उनकी निडरता और शांतचित्त आचरण ने उन्हें सच्चे मायनों में एक अद्वितीय एयर वॉरियर बनाया। उनकी इस असाधारण वीरता के लिए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें मरणोपरांत वायु सेना पदक (गैलैंट्री) प्रदान किया। यह सम्मान न केवल सुरेंद्र मोगा की बहादुरी का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। आगामी वायुसेना दिवस (8 अक्टूबर 2025) के उपलक्ष्य में, एयर वेटरन एसोसिएशन, राजस्थान ने आज, 28 सितंबर 2025 को जयपुर के द कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान में ‘वायु सेना दिवस सम्मान समारोह 2025’ का आयोजन किया। समारोह में भारतीय वायु सेना के शौर्य और पराक्रम का गुणगान किया गया और विशेष रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की वीरांगना सीमा देवी और उनके बच्चों बेटी वर्तिका और बेटे दक्ष को सम्मानित किया गया। भावुक माहौल में किए गए इस सम्मान के दौरान, वीर शहीद के परिवार की हौसला-अफजाई की गई और राष्ट्र की ओर से कृतज्ञता व्यक्त की गई। इस सम्मान ने यह संदेश दिया कि देश अपने जाँबाज़ सैनिकों के परिवारों के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
दो अक्टूबर को पैतृक गांव में शहीद स्मारक की नींव रखेंगे
झुंझुनूं जिले की मंडावा तहसील स्थित पैतृक गांव मेहरादासी में दो अक्टूबर 2025 को शहीद परिवार की ओर से शहीद स्मारक की नींव रखी जाएगी। यह स्मारक उस महान बलिदान को चिरस्थायी बनाएगा। जिसके लिए इस वीर योद्धा ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए प्राण न्योछावर कर दिए।