ऑनलाइन ऑडिट, नकली खाद नोटिस और नई समितियों के गठन पर जताई कड़ी आपत्ति
हनुमानगढ़।हिमांशु मिढ्ढा
राजस्थान सहकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेशभर में सोमवार को पैक्स कर्मचारियों ने उप एवं सहायक रजिस्ट्रार कार्यालयों के बाहर धरना देकर सरकार व विभाग की हठधर्मिता के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। जयपुर से लेकर हनुमानगढ़ तक कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि 29 सितंबर तक मांगों का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेश की सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जाएंगे। इससे फसली ऋण वितरण, वसूली, सदस्यता अभियान सहित कई जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी।धरने के दौरान कर्मचारियों ने कॉमन कैडर गठन, नियमितीकरण, सेवा नियमों में संशोधन और सहकारी बैंकों में व्यवस्थापकों से 100 फीसदी नियुक्ति जैसी पुरानी मांगों को दोहराया। साथ ही हाल ही में विभागीय आदेशों को लेकर भी तीखी आपत्ति जताई। संघर्ष समिति द्वारा उप रजिस्ट्रार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि वर्ष 2024-25 की ऑनलाइन ऑडिट की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है, लेकिन ईआरपी पोर्टल पर लगातार तकनीकी खामियों और प्रशिक्षण के अभाव के चलते अब तक 192 में से मात्र 17 समितियों की ही ऑनलाइन ऑडिट संभव हो पाई है। ऐसे में 30 सितंबर तक ऑडिट पूरा करना असंभव है। कर्मचारियों ने मांग की कि इस अवधि को बढ़ाकर 30 नवंबर किया जाए और यदि 31 अक्टूबर तक तकनीकी खामियों का समाधान नहीं होता तो विभाग पूर्व की तरह ऑफलाइन ऑडिट को भी मान्यता दे।इसके अलावा ज्ञापन में कहा गया कि विभाग द्वारा नकली/गुणवत्ता विहीन खाद बेचने के मामले में कई समितियों को नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि अधिकांश समितियां इफको व कृभको जैसे मान्य उत्पाद ही बेच रही हैं। संघर्ष समिति ने इन नोटिसों को तुरंत निरस्त करने और पंजीकृत मान्य फर्मों की सूची उपलब्ध करवाने की मांग की। कर्मचारियों का कहना है कि बिना तथ्यात्मक आधार के इस तरह की कार्रवाई से समितियों की छवि खराब होती है।यूनियन ने नई समितियों के गठन पर भी नाराजगी जताई और कहा कि इससे पुरानी समितियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। वर्तमान में अधिकांश समितियां पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही हैं, ऐसे में नई समितियों का गठन आत्मघाती निर्णय साबित होगा।हनुमानगढ़ में धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों का आरोप रहा कि जब वे ज्ञापन सौंपने पहुंचे तो कार्यालय समय में कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। इस पर आक्रोशित कर्मचारियों ने दो घंटे तक नारेबाजी कर धरना दिया। बाद में अधिकारी के पहुंचने पर ज्ञापन सौंपा गया। कर्मचारियों ने साफ किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर सकारात्मक संज्ञान नहीं लिया तो 29 सितंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन बहिष्कार से उपजी परिस्थितियों की पूरी जिम्मेदारी सरकार व सहकारिता विभाग की होगी। इस मौके पर रमेश ढाका, मैनपाल मान, राजेन्द्र सिंह, प्रिंस कुमार, दीप सिंह, गिरधारी लाल, अशोक पूनिया, मुकेश बेनीवाल, सुखदेव सिंह, रामस्वरूप गोदारा, शायर सिंह व अन्य सदस्य मौजूद थे।