लंदन वाली ‘घूमर 2025’ के रंगारंग कार्यक्रम का सफल आयोजन किया टीम आरसीटी यूके ने
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट यूके (आरसीटी यूके) का वार्षिक उत्सव घूमर 2025 हर बार की तरह यह न केवल यूरोप का सबसे बड़ा राजस्थानी उत्सव रहा। बल्कि एक ऐसा सुरीला संगम रहा। जिसने भारतीय संस्कृति, परंपरा और संगीत को जीवंत किया। यह घूमर का भव्य आयोजन 20 सितंबर को लंदन में किया गया और इसके संयोजक हनवंत सिंह राजपुरोहित रहे। कार्यक्रम के दौरान जैसे ही घूमर की धुन बजी, लंदन में संगीत की असली धूम देखने को मिली। अन्य राजस्थानी संगीत और भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियों ने समूचे माहौल को पारंपरिक रंगों से भर दिया। टीम कुरजा के संजय मुकंदगढ एवं मनीषा सैनी के सुरों के जादू ने हेमंत डांगी के की बोर्ड की धुनों के साथ ऐसा धमाकेदार समां बांधा कि क्या प्रवासी और क्या स्थानीय, हर किसी के पांव बरबस ही थिरकने लगे। यह सिर्फ एक सालाना जलसा नहीं था, बल्कि अपनी जड़ों से जुड़े रहने और राजस्थानी संस्कृति का गर्व से उत्सव मनाने और अपने संकल्प को दोहराने का सुअवसर था। राजस्थानी लोकगीतों की धुनों पर हजारों लोगों ने पधारो म्हारे देश की भावना के साथ ताल मिलाई। भारतीय संगीत और पारंपरिक नृत्यों के संग लंदन मानो राजस्थान बन गया। हर तरफ एक ही नजारा था। घूमर की धुन में मगन चेहरे, खुशी से झूमते लोग और संस्कृति की झलक देखने को मिली। इस महोत्सव को टीम कुरजा के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार संजय मुकुंदगढ़, मनीषा सैनी एवं अंतर्राष्ट्रीय की बोर्ड प्लेयर हेमंत डांगी ने चार चांद लगाने आए। इनके सुरीले जादू से पूरा लंदन सुरमयी शाम के आगोश में भारतीय संगीत की धुन पर ठुमकता नज़र आया। इनको खास बनाने वाली बात है कि ये बिना किसी मेहनताने के लालच में यहां आकर शिरकत करते हैं। ताकि जो भी रकम इकट्ठी हो वो शिक्षा के पावन उद्देश्य के लिए काम आ सके। जैसा कि नाम से विदित है घूमर नृत्य रहा मुख्य आकर्षण। जिसमें पारंपरिक वेशभूषा में सजे इग्लैंड के हर कोने से आने वाले अतिथियों ने हिस्सा लिया। इसकी सबसे खूबसूरत बात ये है कि इसमें न केवल प्रवासी राजस्थानी बल्कि अन्य प्रवासी एवं स्थानीय लोगों ने भी बढचढकर हिस्सा लिया। पारंपरिक राजस्थानी लोकगीत, घूमर, अन्य राजस्थानी नृत्य, और मजेदार खेलों ने इस शाम को यादगार बनाया। खास बात यह है कि सभी के लिए स्वादिष्ट राजस्थानी खाना उपलब्ध रहा। बच्चों की खेल गतिविधियों व भारतीय स्ट्रीट फूड, हेरिटेज स्टाल्स, हर उम्र के लोगो के लिए था कुछ खास प्रबंध। घूमर 2025 को यादगार बनाने के लिए जुटे लगभग 1000 प्रवासी भारतीय व स्थानीय लोग जो सिर्फ लंदन में ही नहीं बल्कि दूरस्थ स्थानों जैसे स्कॉटलैंड, चेस्टर, मैनचेस्टर, स्टेफर्डशर, मैनचेस्टर, बर्मिंघम, कैंब्रिज, ऑक्सफ़ोर्ड, रीडिंग, स्विंडन, बॉर्नमथ, एक्सटेर एवं अन्य शहरों से आए। घूमर की प्रथम विजेता अंकिता अग्रवाल, द्वितीय दशरथ जोशी व तृतीय निधि बबेरवाल रही।
सुर, संस्कृति और परोपकार का संगम
राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट यू के का मकसद है की देश में कोई भी बालक बालिका संसाधनभाव में शिक्षा से वंचित न रहे फलस्वरूप ये राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले होनहार बच्चो के सपनो को साकार करने के साथ साथ सरकारी पाठशालाओं को भी संसाधन मुहैया करवाते हैं ताकि आधुनिकता की दौड़ में ये मासूम तबका पिछड़ न जाए। हमारे भारत स्थित पार्टनर एनजीओ एसआरकेपीएस के पूर्ण सहयोग से हमारे लिए जरुरतमंद बच्चों एवं विद्यालयों तक जरूरी संसाधन पहुंचाना संभव हो पाता है। शिक्षा प्रसार के पावन यज्ञ की आहूति में उनके प्रयासों के हम तहेदिल से आभारी हैं। इस इवेंट के जरिए जुटाई गई सहायता राशि इन बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मदद करेगी। हमारे दानवीर भामाशाहों का हम दिल से शुक्रिया अदा करते हैं जिनके दम से ट्रस्ट की मुहिम अनवरत जारी है और रफ्तार बढ रही है। ट्रस्ट लगभग 1300 राजकीय विद्यालय का सहयोग कर चुका है। जिनमें से 50 से ज्यादा विद्यालय इस टीम के साथ लगातार जुड़े हैं। डॉ. घासल जयपुर स्थित अपने गांव में एक बड़ी लाइब्रेरी और कम्प्यूटर लैब के निर्माण हेतु राशि एकत्रित करने की मुहिम में लगे हैं।
भामाशाहों का सम्मान और स्वाद का अनूठा संगम
आरसीटी यूके ने इस नेक पहल में स्पोंसर्स के रूप में सहयोग देने वाले एसबीआई यूके, वन फाइनेंशियल्स, केतराज और नारा सोलिसिटर्स हैं। डोनर्स को विशेष रूप से सम्मानित किया। जिसमें डॉ. रामचंद्र घासल, बबिता चाहर, बिंदू चौधरी, राजेंद्र कड़वासरा, अमित कुमार प्रमुख थे। इन संगठनों एवं व्यक्तियों के समर्थन ने इस उत्सव को एक सामाजिक आंदोलन में बदल दिया, जिससे अनगिनत बच्चों की जिंदगी संवर सकेगी। हनुवंत सिंह राजपुरोहित की अगुवाई में हुए इस महाकुंभ ने विदेश में भी देशी माहौल का अहसास करवाया। केतराज रेस्टोरेंट द्वारा परोसे गए दाल-बाटी-चूरमा, खट्टे की सब्जी और पारंपरिक मिठाइयों ने इस रंगारंग महोत्सव को स्वाद का भी शानदार अनुभव बना दिया।
राजस्थान भवन बनेगा लंदन में
राजस्थान चैरिटेबल ट्रस्ट परिवार ने मिलकर राजस्थान भवन बनाने का प्रस्ताव रखा है और इस ओर कदम बढाते हुए प्रथम रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। राजस्थान भवन लगभग सात करोड़ रुपए की लागत से बनेगा। जहां लंदन जाने वाले राजस्थानी विद्यार्थियों और राजस्थानी पर्यटकों के लिए उचित खर्च पर रहने का अस्थाई बंदोबस्त किया जाएगा। साथ ही राजस्थानी समाज के शादि विवाह जैसे प्रसंग के लिए व्यवस्था होगी। यहां राजस्थानी भाषा और संस्कृति के प्रोत्साहन हेतु विभाग बनेगा एवं इससे होने वाली आय का 10 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में जरूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा हेतु दान दिया जाएगा। इसके लिए लंदन में रहने वाले भामाशाहों से भढचढ कर सहयोग का आह्वान किया गया है।
इन्होंने किया सहयोग
कार्यक्रम में साज सज्जा में दशरथ जोशी और पूजा जोशी, विडियो मानवेंद्र सिंह, पूजा-अर्चना में पूजा शर्मा, सोनिया, अंकिता अग्रवाल, नेहा झंवर, दीप प्रज्ज्वलन काउंसलर एलन जोसफ, यंग वोलिंटियर्स में डेजी ढाका, यश्वी राजपुरोहित, सफिया, स्टेज एंकरिंग अतुल अग्रवाल, और रचना ढाका, रजिस्ट्रेशन डेस्क पर अमित चौधरी, अतुल कुमार, साफा बांधना में राजदीप वर्मा, भोजन व्यवस्था में चारुलता राजपुरोहित, स्टाल प्रबंधन में निर्मल बबेरवाल, व्यवस्था प्रबंध में सुरजीत सिंह ढाका, सुरेश कुमार, सुमन कड़वासरा, दीपक शर्मा, मितेश राजपुरोहित, राजेंद्र कड़वासरा, पीयूष झंवर, विमल सैन का सहयोग रहा।