झुंझुनूं आएं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज बोले ‘थैंक्यू यूं रणजीत जी आपसे मिलकर अच्छा लगा!
झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज मंगलवार को झुंझुनूं दौरे पर रहे। वे यहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा की तैयारियों को लेकर बैठक ली। झुंझुनूं के सर्किट हाउस में पहुंचे चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज का स्वागत किया। इस दौरान युवा पत्रकार रणजीत गुर्जर कोहली ने उनसे शिष्टाचार भेंट की। और राजस्थान में निष्पक्ष और पारदर्शिता से भर्तियां करवाने के लिए प्रयासरत चयन बोर्ड अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज को प्रशंसा पत्र भेंट कर आभार जताया। जिस पर आलोक राज ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ‘थैंक्यू रणजीत जी आपसे मिलकर मुझे भी अच्छा लगा’…। इस दौरान कर्मचारी भर्ती बोर्ड चैयरमेन मेजर जनरल आलोक राज और युवा पत्रकार रणजीत गुर्जर कोहली ने करीब बीस मिनट तक सर्किट हाउस में विभिन्न भर्तियों को लेकर चर्चा की। युवा पत्रकार ने चयन बोर्ड अध्यक्ष को फर्जी तलाक डिग्री से नौकरी लगने वालों पर कार्रवाई करने, परीक्षा के बाद जल्द से जल्द प्रश्न पत्र और आंसर-की अपलोड करने, दूर की बजाए नजदीकी में परीक्षा केंद्र बनाए जाने, ड्रेस कोड के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करने समेत अन्य विषयों पर सुझाव दिए। जिस पर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने सुझावों को स्वीकार करते हुए कहा कि इन सुझावों पर विचार विमर्श किया जाएगा। और प्रयास रहेगा कि युवाओं के हितों में लागू किया जाए। इस दौरान अन्य युवाओं ने भी अध्यक्ष को मांगपत्र देकर विभिन्न मांगों को लेकर अवगत कराया।
अब फर्जी तलाकशुदा और विधवा कर्मचाारियों की बारी!
पेपर लीक, डमी कंडीडेट के बाद अब सरकार फर्जी तरीके से नौकरी पा चुके अन्य कर्मचारियों की भी जांच में लग गई है। जी, हां गत दिनों फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन अब सरकार फर्जी विधवा और तलाक के सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाली महिला कर्मचारियों की पड़ताल में लग गई है। झुंझुनूं के दौरे पर आए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि कर्मचारी चयन बोर्ड के पास ऐसी कई शिकायतें मिली है। जिसके बाद एसओजी के साथ मिलकर चयन बोर्ड ऐसी महिला कर्मचारियों की सूची बना रहा है। जो गलत तरीके से फर्जी विधवा और तलाक का सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी कर रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए अब निर्णय लिया गया है कि पहले जहां परीक्षा परिणामों में सिर्फ रोल नंबर दिए जाते थे। अब चयनित अभ्यर्थियों की पूरी जानकारी दी जाती है। ताकि हर व्यक्ति को पता चला कि जिस भी अभ्यर्थी का चयन हुआ है। वह उसकी मेरिट पर हुआ या फिर किसी सर्टिफिकेट के आधार पर हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व में फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को भी सूचीबद्ध किया गया था। जिनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है। 55 प्रतिशत तक की दिव्यांगता का सर्टिफिकेट से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की फिर से करवाई गई जांच में 20 प्रतिशत तक दिव्यांगता मिली है। उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि हम ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे है। ताकि कहीं भी गड़बड़ी की आशंका ना हो और हर अभ्यर्थी को ना केवल जिले में, बल्कि एकदम पास में सेंटर मिले।