निष्काम तथा वैराग्य भारतीय संस्कृति का महत्वूपर्ण तत्व : कथावाचक मुरारीलाल

0
58

कथा के तीसरे दिन वैराग्य, निष्काम ज्ञान और कृष्ण भक्ति पर दिया गया विशेष जोर

चूरू।स्थानीय कुदाल भवन में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक मुरारीलाल शर्मा ने श्रद्धालुओं को तत्वज्ञान, वैराग्य और निष्काम भक्ति के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति में निष्काम ज्ञान और वैराग्य दो महत्वपूर्ण तत्व हैं, और धर्म का वास्तविक फल मोक्ष है, न कि केवल धन-संपत्ति या स्वर्ग की प्राप्ति।मुरारीलाल शर्मा ने कहा कि मनुष्य को अपनी इन्द्रियों और वासनाओं से ऊपर उठकर आत्मज्ञान की ओर बढ़ना चाहिए, और भागवत कथा इसका श्रेष्ठ माध्यम है। कृष्ण भक्ति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जब मनुष्य अपने चित्त को भगवान के चरणों में लगाता है, तो उसमें वैराग्य और निष्काम ज्ञान का स्वाभाविक उदय होता है।उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण से भगवान की लीलाओं का बोध होता है, जिससे परमात्मा की अनुभूति संभव होती है और अंततः उससे प्रेम हो जाता है। यही प्रेम मनुष्य को कर्म बंधनों से मुक्त कर मोक्ष की ओर ले जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न योनियों में जन्म लेकर प्राणी अपने कर्मों का भोग करता है, लेकिन भागवत कथा उसे उस चक्र से मुक्त कर सकती है।कथा के दौरान उन्होंने यदुवंशी और ऋषियों के मध्य हुए घटनाक्रम का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति हमें प्रेम, बंधुत्व और भाईचारे की शिक्षा देती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में जब विश्व भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों को समझेगा, तो विश्व में प्रेम और शांति का विस्तार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुख-दुख कर्म के ही फल हैं, अतः मनुष्य को अपने कर्मों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।इस अवसर पर महेंद्र दाधीच, महेश दाधीच, जुगल किशोर दाधीच, कैलाश नोवल, अनिल शर्मा, हरीश शर्मा, नंदलाल सोसी, हरीश कुमार, श्री प्रकाश कुदाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे और कथा का श्रवण कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया आई एफ डब्ल्यू जे की स्मारिका का विमोचन

GST स्लैब में बदलाव: चूरू की जनता की राय | फायदा या नुकसान? जानिए सच्चाई | Ground Report

चूरू में जाम, हादसों और सीवर क्षति से परेशान नागरिकों ने सौंपा ज्ञापन | Heavy Vehicles Ban Demand |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here