स्कूल शिक्षा प्राध्यापकों ने मंत्री से मुलाकात की, सौंपा ज्ञापन

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झुंझुनूं । अजीत जांगिड़
स्कूल शिक्षा के प्राध्यापकों ने जिला कलेक्ट्रट झुंझुनूं में जिला प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत को स्कूल शिक्षा के प्राध्यापकों की वरिष्ठता कॉमन सीनियोरिटी के अनुसार बनाए जाने के संबंध में ज्ञापन दिया। उप प्राचार्य पदोन्नति में प्राध्यापकों की कॉमन सीनियरिटी की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट झुंझुनूं में जिला प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत सामाजिक न्याय एवमं अधिकारिता मंत्री को ज्ञापन दिया और एक भर्ती में में नियुक्त विभिन्न विषयों की समान वरीयता अनुसार कॉमन सीनियोरिटी की मांग की। स्कूल शिक्षा विभाग ने उप प्राचार्य पदोन्नति के लिए अस्थाई पात्रता सूची जारी की है। इस सूची के अवलोकन से विदित होता है कि उप प्राचार्य पद के लिए स्कूल प्राध्यापक भर्ती परीक्षा—2015 के राजनीति विज्ञान, रसायन विज्ञान, अंग्रेजी राजस्थानी, समाजशास्त्र, सिंधी, संगीत, चित्रकला विषय के समस्त प्राध्यापक पदोन्नत हो जाएंगे और शेष विषयों जैसे हिंदी, भूगोल, इतिहास, वाणिज्य, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र और संस्कृत आदि के लगभग आठ हजार प्राध्यापकों को पदोन्नति के लिए सात से आठ वर्ष का इंतजार करना होगा। इससे न केवल वर्तमान नौ विषयों के प्राध्यापक प्रभावित हो रहे हैं। बल्कि आगामी प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में केवल राजनीति विज्ञान, रसायन विज्ञान, अंग्रेजी जैसे पदोन्नति वाले विषयों में ही पद रिक्त होंगे। जिससे नई भर्ती में केवल इन विषयों के ही अधिकांश पद आएंगे। शेष विषयों से तैयारी करने वाले बेरोजगार खुद को ठगा सा महसूस करेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में राजस्थान शिक्षा (राज्य एवमं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 में व्याप्त वरिष्ठता संबंधी विसंगतियों को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ में वाद चल रहा है और उसकी सुनवाई अंतिम चरण में है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग अपनी हठधर्मिता के चलते उपप्राचार्य पदोन्नति को आनन फानन में द्रुत गति से आगे बढ़ा रहा है। जिससे यह पदोन्नति भी विवादास्पद होती दिख रही है।

पदोन्नति में विवाद का केंद्र

शिक्षा विभाग वरीयता का निर्धारण 2015 तक आरपीएससी द्वारा भेजी जाने वाली अभिस्थावना के आधार पर किया जा रहा था। इसके बाद 2021 में राजस्थान शिक्षक सेवा नियम में सीनियरिटी का निर्धारण नियुक्ति आदेश के आधार पर किए जाने लगा। 2015 की स्कूल प्राध्यापक भर्ती के 19 विषयों में से आठ विषय गणित, चित्रकला, रसायन विज्ञान, दर्शनशास्त्र, राजस्थानी, सिंधी, संगीत, समाजशास्त्र के 1247 पदों को नियुक्ति 2016 दी गई। भर्ती पर न्यायलय से स्टे आने के कारण शेष विषय राजनीति विज्ञान अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, गृह विज्ञान, वाणिज्य, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्कृत, भूगोल 2015 की स्कूल प्राध्यापक भर्ती के 19 विषयों में से आठ विषय गणित, चित्रकला, रसायन विज्ञान, दर्शनशास्त्र, राजस्थानी, सिंधी, संगीत, समाजशास्त्र के 1247 पदों को नियुक्ति 2016 दी गई। भर्ती पर न्यायलय से स्टे आने के कारण शेष विषय राजनीति विज्ञान अंग्रेजी, हिंदी, इतिहास, गृह विज्ञान, वाणिज्य, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, अर्थशास्त्र, संस्कृत, भूगोल के 11841 पदों की नियुक्ति 2017 में अलग-अलग दिनांक की गई और इस भर्ती में वरिष्ठता का निर्धारण 2021 में बनाए। नियम के आधार पर नियुक्ति से करने के कारण एक विषय का व्याख्याता दूसरे विषय के समस्त व्याख्याता से वरिष्ठ कर दिया गया। इससे पदोन्नति में केवल विभाग द्वारा पहले जारी नियुक्ति तिथि के विषय ही प्राथमिकता प्राप्त करते हैं, शेष विषय के प्राध्यापक खुद को ठगा महसूस करता है। प्राध्यापक स्कूल शिक्षा कॉमन सीनियरिटी संघर्ष समिति ने मांग कि शिक्षा विभाग को एक भर्ती में विभिन्न विषयों को मेरिट आधारित समान वरीयता प्रदान कर विभिन्न विषयों के साथ न्याय करना चाहिए। जिससे किसी भी विषय के प्राध्यापक के मौलिक अधिकार सुरक्षित हो सकें एवमं कोई भी भेदभाव का शिकार नहीं नहीं हो।

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