एसीजीएम कोर्ट ने आरोप तय किए] आईपीसी की छह धाराओं में मुकदमा, अब नहीं लड़ सकेंगे चुनाव; अगली सुनवाई 30 मई को
चूरू । विधायक हरलाल सहारण को फर्जी मार्कशीट मामले में एसीजीएम कोर्ट सरदारशहर से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं 420, 467, 468, 471, 120 बी और 193 के तहत आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले में अब ट्रायल शुरू होगा, जिससे विधायक सहारण की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट की कार्यवाही के अनुसार, जब तक इस प्रकरण में अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक वे किसी भी प्रकार का चुनाव नहीं लड़ सकते और न ही नामांकन कर सकते हैं। आपको बता दें कि यह मामला वर्ष 2015 का है, जब हरलाल सहारण पर आरोप लगा कि उन्होंने जिला परिषद सदस्य चुनाव के लिए 10वीं की फर्जी मार्कशीट और झूठा शपथ पत्र दाखिल कर चुनाव लड़ा और जीता। इस संबंध में ढ़ाढ़र गांव के पूर्व सरपंच चिमनाराम कालेर ने इस्तगासा कोर्ट में प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर 2019 में चूरू कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। मामला पहले चूरू सीजीएम कोर्ट में चल रहा था, जिसे बाद में सरदारशहर एसीजीएम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। एसीजीएम कोर्ट ने अब बहस सुनकर आरोप तय कर दिए हैं। इस केस में पहले पत्रावली हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण चार्ज तय नहीं हो सके थे। लेकिन हाल ही में हाईकोर्ट ने निगरानी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद एसीजीएम कोर्ट ने चार्ज तय कर दिए। कोर्ट ने आगामी सुनवाई की तारीख 30 मई 2025 निर्धारित की है। इस तारीख पर तत्कालीन जिला कलेक्टर अर्चना सिंह और परवादी चिमनाराम कालेर को कोर्ट में तलब किया गया है। परवादी के अधिवक्ता सुरेंद्र जाखड़ ने बताया कि सहारण ने यह जानते हुए भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नामांकन दाखिल किया, चुनाव लड़ा और चुनाव जीता। उन्होंने कहा कि अब यह मामला पूरी तरह ट्रायल की दिशा में बढ़ चुका है और कोर्ट से दोष सिद्ध होने की स्थिति में सहारण के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा असर पड़ सकता है।