सब तरफ से हों प्रयास तो पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा चूरू

0
1447

पर्यटन संभावनाओं को विस्तार देने के लिए हो रही कोशिशें, जिला कलक्टर एवं सभापति की मौजूदगी देशभर के पर्यटन विशेषज्ञों ने किया मंथन

चूरू। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर चूरू को मजबूती के साथ उभारने के लिए एक नई कवायद के तौर पर शनिवार को होटल मालजी का कमरा में आयोजित ‘एक्सप्लोर द हिडन जेम ऑफ राजस्थान एट शेखावाटी शोकेस’ में जुटे देशभर के पर्यटन विशेषज्ञों ने मंथन किया।
जिला कलक्टर संदेश नायक एवं सभापति पायल सैनी की मौजूदगी में हुए इस मंथन में एक राय उभरी कि जिले मेंं हवेलियों के साथ-साथ पर्यटन महत्त्व की अनेक चीजें हैं, जो चूरू को अन्य स्थानों से विशिष्ट बनाती है। ऎसे में यदि स्थानीय लोगों तथा ऎसी चीजों को प्रमोट करने वाले लोगों को जोड़ा जाए तो बेहतर नतीजे सामने आ सकते हैं। जिला कलक्टर संदेश नायक ने कहा कि जिले की पर्यटन संभावनाएं अनंत हैं और पर्यटन विशेषज्ञ व स्थानीय लोग मिलकर इसमें काफी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मों की शूटिंग को यहां प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए तथा यहां के चांदी के वर्क, चंदन शिल्प, स्थापत्य, जैव विविधता को प्रमोट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन के स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सब मिलकर ही इसमें कुछ कर सकते हैं। उन्होंने पर्यटन विशेषज्ञों से कहा कि वे चूरू को इस दृष्टि से प्रमोट करें। उन्होंने कहा कि यहां स्थानीय स्तर पर युवा टूअरिस्ट व हेरिटेज गाइड के रूप में काम करें तो काफी बेहतर हो सकता है। हमारा लक्ष्य यह होना चाहिए कि टूअरिज्म के जरिए यहां के लोगों का भी जीवन स्तर सुधरे।
सभापति पायल सैनी ने कहा कि चूरू के स्थापत्य, शिल्प एवं अन्य दर्शनीय स्थलों को प्रमोट करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि दो-तीन वार्डों को जिनमें अधिक इस तरह के स्थल है, उन्हें हेरिटेज वार्ड घोषित कर विशेष बजट अलॉट किया जाए। कोशिश यह रहेगी कि भामाशाह इन वार्डों को गोद लेकर विकास करें। यहां हैवी ट्रेफिक भी बंद किया जा सकता है।
प्रख्यात फोटोग्राफर एवं पर्यटन विशेषज्ञ अजय सूद ने कहा कि चूरू में हवेलियों के साथ-साथ तालछापर अभयारण्य, सालासर, रेत के टीले, क्राफ्ट और अनेक पर्यटन महत्त्व की चीजें है, जिनके चलते चूरू को एक बंडल के तौर पर प्रमोट किया जाना चाहिए। उन्होंने टोडारायसिंह की हाड़ी रानी की बावड़ी और बूंदी के आभानेरी बावड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि बॉलीवुड के साथ-साथ स्थानीय फिल्मों की शूटिंग यहां के पर्यटन को प्रमोट कर सकती हैं।
कंटेंट क्यूरेटर सुखमन ढिल्लन ने कहा कि यहां का हेरिटेज बहुत विशिष्ट है, यहां की अलग-अलग विशिष्टताओं से युवाओं को इससे जोड़कर पर्यटन को प्रमोट किया जा सकता है। यूथ पॉवर का इस्तेमाल पर्यटन को प्रमोट किए जाने में होना चाहिए। यहां का प्रत्येक आदमी इसमें रूचि रखें तथा किसी फेस्टिवल का आयोजन इसके लिए महत्त्वपूर्ण हो सकता है।

ब्लॉगर रमा कुमार ने कहा कि यहां पर्यटन महत्त्व के अनेक स्थान हैं, इनकी ब्रांडिंग की जरूरत है। नगर श्री के सचिव श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि चूरू में बंद पड़ी हवेलियों को खुलवाया जाना चाहिए। सूरज मल सुराणा ने कहा कि बंद पड़ी हवेलियां खुलें तथा उन्हें सरकार या मालिकों द्वारा विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन हवेलियों के रखरखाव के लिए कोई कानूनी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे समुचित ढंग से इनका उपयोग हो। संचालन करते हुए पर्यटन व्यवसायी अरविंद बालाण ने आयोजन की रूपरेखा एवं पर्यटन संभावनाओं पर चर्चा की।
इस दौरान सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, पर्यटन विशेषज्ञ रूक्मणि, वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद बालाण, मृणाल, आर्किटेक्ट अनुराग शर्मा, डॉ. रिषभ जाखड़, रोहित सोनी, सुनील भाऊवाला, किशन उपाध्याय, रचना कोठारी, सहित बड़ी संख्या में पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञ एवं गणमान्य नगरवासी मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here