सावित्री चौधरी खूमसिंह साहित्य पुरस्कार जोधपुर की जेबा रशीद को

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चूरू। प्रयास संस्थान, चूरू की ओर से प्रतिवर्ष दिया जाने वाला प्रतिष्ठित सावित्री चौधरी खूमसिंह साहित्य पुरस्कार वर्ष 2019 के लिए जोधपुर की प्रख्यात राजस्थानी लेखिका जेबा रशीद को दिया जाएगा। आगामी फरवरी में प्रस्तावित पुरस्कार समारोह में रशीद को पुरस्कार स्वरूप ग्यारह हजार रुपए, शाॅल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र दिया जाएगा।
प्रयास संस्थान के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने बताया कि राजस्थानी भाषा की लेखिकाओं को दिए जाने वाला यह वार्षिक पुरस्कार जेबा रशीद को उनकी राजस्थानी कविता पुस्तक ‘बगत अर बायरौ’ के लिए दिया जाएगा। इससे पूर्व राजस्थानी की दिग्गज लेखिकाओं डाॅ. तारा लक्ष्मण गहलोत, आनंद कौर व्यास, कमला कमलेश को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
राजस्थानी लेखिकाओ में अग्रणी नाम हैं जेबा रशीद
जोधपुर में 7 जनवरी 1943 को जन्मीं जेबा रशीद का नाम शीर्षस्थ राजस्थानी लेखिकाओं में शुमार है। उन्होंने राजस्थानी के साथ-साथ हिंदी में भी समान रूप से लेखन किया है। प्रयास संस्थान के सचिव कमल शर्मा ने बताया कि 1968 से शुरू हुए जेबा रशीद के लेखकीय सफर ने उपन्यास, कविता, कहानी, संस्मरण, व्यंग्य आदि के जरिए एक बेहतरीन मुकाम हासिल किया है। राजस्थानी में उनका कहानी संग्रह ‘नांव बिहूण रिस्ता’, ‘वाह रे मरद री जात’, ‘कदै तांई’ खासे चर्चित रहे हैं तो कविता संग्रह ‘आभै री आंख्यां’, ‘बगत अर बायरौ’ भी खूब सराहे गए। बाल कहानी संग्रह ‘मीठी बातां’ और बाल अक्षर ज्ञान ‘पैली पोथी’ के जरिए उन्होंने बच्चों के लिए भी अच्छा काम किया है। हिंदी में उपन्यास ‘क्योंकि औरत ने प्यार किया’ व ‘लम्हे की चुभन’, कहानी संग्रह ‘भीगे पल’, ‘चिनगारी’, ‘खारी झील’, ‘रिश्ते क्या कहलाते हैं’, ‘कंटीली राहें’ और ‘बावरा मन का फरेब’ समेत उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। राजस्थानी व हिंदी में लेखन के लिए उन्हें दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं। उनकी रचनाओं का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। राजस्थान रत्नाकर श्री महेंद्र जाजोदिया पुरस्कार, केदारनाथ भागीरथी देवी कानोडिया पुरस्कार, श्रीमती गोदावरी देवी सरावगी पुरस्कार, नृसिंह राजपुरोहित राजस्थानी साहित्य प्रतिभा पुरस्कार, रामवृक्ष बेनीपुरी साहित्य पुरस्कार समेत अनेक पुरस्कार-सम्मान से वे समादृत हुई हैं।

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