सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ करें आपदा प्रबंधन की तैयारी: शर्मा

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पाली। मानसून के सक्रिय होने की खबरों के साथ ही अतिवृष्टि एवं बाढ़ की आशंकाओं के मध्येनजर जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की कवायद शुरू कर दी है। बुधवार को जिला परिषद सभागार में जिला कलक्टर सुधीर कुमार शर्मा ने जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा की और चाक-चैबंद रहने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने इस मौके पर अधिकारियों से कहा कि सभी विभागों के अधिकारी आपसी तालमेल के साथ काम करते हुए समस्त व्यवस्थाओं को सुचारू करें और इस तरह से कुशल प्रबंधन करें कि किसी भी प्रकार की विपरीत स्थिति पैदा होने पर भी जानमाल की क्षति नहीं हो। उन्होंने कहा कि सभी विभाग समुचित स्तर पर अपने नियंत्रण कक्ष स्थापित करें और उसके नंबर सब जगह सर्कुलेट करें। जल संसाधन अधिकारी जिले में स्थित सभी बांधों का निरीक्षण कर स्थिति देखें और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें। दुर्घटना संभावित स्थानों पर संकेतक लगाएं और बांधों के आसपास की पंचायतों में एसडीएम के माध्यम से बैठक आयोजित कर लोगों को सावचेत किया जाए ताकि खराब मौसम के दौरान आमजन दुर्घटना संभावित स्थानों पर विचरण नहीं करें। ऐसे स्थानों पर मुनादी के जरिए भी लोगों को जागरुक किया जाए। पंचायतों में स्थित तालाब आदि की स्थिति भी देख लें। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित निचले स्थानों पर, जहां बरसात में पानी भरना संभावित हों, की स्थिति को भी देख लें और आवश्यक व्यवस्थाएं करें।
जिला कलक्टर ने नगर परिषद एवं जल संसाधन अधिकारियों से कहा कि वे उपलब्ध मोटर बोट को ठीक स्थिति में रखें तथा मछली पालन करने वाले लोगों के पास उपलब्ध नावों की भी सूचना अपने पास रखें। ड्रेगन लाइट, टाॅर्च, लाइफ जैकेट, रस्सी आदि रेस्क्यू सामग्री की समुचित व्यवस्था रहे। पंचायत समिति एवं नगर निकाय डीजल पंप सैट की आवश्यक व्यवस्था रखें, जरूरत होने पर इस तरह की सामग्री खरीद लें। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक टेलीफोन नंबरों की सूची अपडेट रखें तथा रेस्क्यू गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले लोगों के काॅन्टेक्ट नंबर रखें। बहाव क्षेत्रों में यदि कोई अतिक्रमण है तो उसे हटाएं। सभी नालों आदि की समुचित सफाई कराई जाए तथाा शहर से गुजर रही नहर को भी साफ कराएं। तैराकों, गोताखोरों की सूची अपडेट रखें।
उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी भी कार्य को एक-दूसरे पर डालने की बजाय यह सोचकर काम करें कि हमें मिलजुलकर काम करना है। उन्होंने सीएमएचओ से कहा कि दवाओं की समुचित उपलब्धता रखें, मोबाइल मेडिकल टीम को अलर्ट रखें एवं सरकारी एंबुलेंस के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों की एंबुलैंस की सूची भी अपने पास रखें। जिला कलक्टर शर्मा ने बैठक में मौजूद लायंस क्लब, रोटरी क्लब व अन्य एनजीओ प्रतिनिधियों से कहा कि गत वर्षां में आपदा की स्थिति में उनका योगदान सराहनीय रहा है। भविष्य में भी वे मानव सेवा से जुड़ै इस कार्य मेें प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे, ऐसी अपेक्षा है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ बिश्नोई ने बिंदुवार समीक्षा करते हुए जलदाय अधिकारियों से कहा कि पेयजल स्रोतों, जीएलआर आदि में सफाई, ब्लीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था कराएं। रसद विभाग द्वारा गेहंू, केरोसिन, सिलेंडर आदि का रिजर्व स्टाॅक रखा जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अभी से ही अपना-अपना एक्शन प्लान तैयार कर काम शुरू कर दें ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो। उन्होंने सानिवि एसई से कहा कि वे दुर्घटना संभावित रपट व पुलियाओं के दोनों तरफ चेतावनी बोर्ड लगाएं। सभी सरकारी अधिकारी अपने भवनों की छतों पर सफाई करा दें। स्कूलों में छत, नालों की सफाई कराएं तथा कोई कमरा क्षतिग्रस्त है तो उसमें विद्यार्थियों को नहीं बैठाएं। पंचायतों द्वारा संचालित पेयजल योजनाओं के लिए उनके पास भी ब्लीचिंग पावडर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। पशुपालन विभाग के अधिकारी पशुओं में बीमारी की रोकथाम से संबंधित दवाओं, वैक्सीन आदि की समुचित उपलब्धता रखें।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी पूर्व वर्र्षाे में किए गए काम की समीक्षा करते हुए उनमें रही खामियों, आवश्यकताओं के मध्येनजर कार्य करें ताकि समय पर किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस दौरान सीईओ उदयभानु चारण, पाली एसडीएम महावीर सिंह राठौड, सीएमएचओ डाॅ एसएस शेखावत सहित सभी विभागों के अधिकारी एवं एनजीओ प्रतिनिधि मौजूद थे।

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