विद्या, बुद्धि शौर्य और धैर्य भी लक्ष्मी का स्वरूप — शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानदं सरस्वती

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जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने सम्पूर्ण देशवासियों को प्रेषित की दीपावली शुभकामनाएं

परमहंसी। दीपावली पर्व पर ज्योतिषपीठाधीश्वर और द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद जी सरस्वती महाराज ने देशवासियों को शुभकामना संदेश देते हुए कहा कि हमारे शास्त्रों में लक्ष्मी शब्द के अनेको अर्थ हैं। मात्र धन, समृद्धी ही नही इसके साथ—साथ विद्या, बुद्धि, प्रभाव, शौर्य, धैर्य आदि भी लक्ष्मी शब्द का अर्थ होते हैं। इनमें कार्तिक कृष्ण अमावस्या, दीपावली में जिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है वही लक्ष्मी केवल धन, समृद्धि ही नही इसके साथ—साथ विद्या, बुद्धि, प्रभाव, शौर्य, धैर्य आदि गुण भी अपने अराधक को प्रदान करती है। जीवन्मुक्ति भी लक्ष्मी का स्वरूप है जो स्वाराज्य लक्ष्मी के रूप में जाना जाता है।
उन्होने कहा कि यथाधिकार भारत के सनातनधर्मी लक्ष्मी की पूजा करके अपना अभीष्ट प्राप्त करें।  अज्ञान—परतंत्रता एवं आसुरी—सम्पद् का विनाश हो क्योंकि यही दरिद्रता है। मोह को भी गोस्वामी तुलसीदास जी ने दरिद्रता का रूप मानते हुए कहा है — मोह दरिद्र निकट नही आवा। लक्ष्मी का आगमन देश, समाज के लिए कल्याणकारी है।
उन्होने सम्पूर्ण भारतवर्ष के सनातनियों को शुभकामना देते हुए कहा कि आप सभी दीपावली की पावन — बेला में दीपसमूहो से लक्ष्मी की अराधना करके कल्याण के भागी बने यही इस शुभ — अवसर पर हमारी शुभकामनां है।

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