चूरू। एथेेंस व रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता पैराओलंपियन देवेंद्र झाझड़ि़या राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने के बाद शुक्रवार को पहली बार अपने गांव झाझडि़यों की ढाणी जाते हुए कुछ देर के लिए चूरू ठहरे। इस दौरान कलक्ट्रेट में एडीएम राकेश कुमार सहित अधिकारियों, कर्मचारियों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। एडीएम राकेश कुमार ने कहा कि झाझड़ि़या ने देश के लिए जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे अपने आप में अद्वितीय हैं। देश के लिए दो-दो पैरा ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले देवेंद्र का जीवन पूरी दुनिया के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। इस दौरान समाज कल्याण अधिकारी नरेश बारोठिया, एएलआर पवन कुमार तंवर, रामेश्वर प्रजापत, कुमार अजय, अरविंद झाझडि़या सहित अधिकारी, कर्मचारी, मीडियाकर्मी मौजूद थे।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए झाझडि़या ने कहा कि पैरा स्पोर्ट्स को लेकर देश में बड़ा बदलाव आया है। जब उन्होंने खेलना शुरू किया था तो लोग कहते थे, निःशक्तता के साथ आप खेल के क्षेत्र में क्या कर पाएंगे। आज कोई यह सवाल नहीं पूछता। यह बदलाव अपने आप में बड़ी बात है लेकिन अभी भी पैरा स्पोर्ट्स को लेकर देश में बहुत काम किया जाना है। बहुत से पैरा खिलाडि़यों को ग्राउंड तक पहुंचने में ही बहुत सारी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। इस दिशा में हमें बहुत प्रयास करने होंगे। के देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतना ही उनका लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न पाकर निस्ंसेदह एक उपलब्धि है। इससे किसी भी क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं और खासकर, दिव्यांगों को कोई प्रेरणा मिलती है तो पुरस्कार अधिक सार्थक होगा। अपने संघर्ष और सफलता पर बायोपिक की चर्चाओं पर झाझडि़या ने कहा कि एक बड़े फिल्ममेकर ने इस बारे में उनसे संपर्क किया है, लेकिन अभी फिल्म की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। राजनीति में आने के सवालों पर उन्होंने कहा कि उनका ध्यान फिलहाल केवल अपने खेल पर है। वे देश के लिए ज्यादा से ज्यादा उपलब्धियां अर्जित करना चाहते हैं।