‘वुमन ऑन रिकॉर्ड’ को दी गई श्रद्धांजली

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भारत में 20 वीं सदी के शुरुआती दिनों में महिलाओं के संगीत को प्रस्तुत कर रही है। पार्थिव शाह द्वारा क्यूरेटेड व डिजाइन की गई प्रदर्शनी विद्या शाह की मल्टीमीडिया परफॉर्मेंस।

जयपुर। भारत में 20 वीं सदी के शुरुआती दिनों में महिलाओं के संगीत को प्रस्तुत करने वाली प्रदर्शनी ‘वुमन ऑन रिकॉर्ड‘ की जवाहर कला केंद्र में रविवार को शुरूआत हुई। पार्थिव शाह द्वारा क्यूरेटेड व डिजाइन की गई यह प्रदर्शनी जेकेके की म्यूजियम गैलरी 2 व 3 में लगाई गई है, जिसका उद्घाटन विक्रम गोलछा द्वारा किया गया। यह प्रदर्शनी 20 वीं सदी के शुरूआती आधे दौर में विकसित हुई ग्रामोफोन तकनीक वाले दौर में गायक महिलाओं पर आधारित है। प्रदर्शनी में भारतीय संगीत की दुनिया में इन परिवर्तनों के प्रभाव को दर्शाया गया है।

इस प्रदर्शनी में कपड़े पर बने पुरानी फोटोग्राफ्स एवं उस समय के जलसागर की समकालीन फोटोग्राफी को दर्शाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उन कलाकारों, संग्रहकर्ताओं व संगीतज्ञों के वीडियो साक्षात्कार की एक श्रृंखला के माध्यम से कहानियों व वास्तविक अनुभवों की एक अलग दुनिया बनाई गई है, जिनमें से कुछ तो अभी भी इनके साक्षी हैं।

फिल्म, फोटोग्राफी, सीनोग्राफी, नृत्य, थिएटर एवं संगीत में आने वाले कलाकार समुदायों के सहयोग से वुमन ऑन रिकॉर्ड में कंटम्प्रेरी आर्ट प्रेक्टिेसज के साथ नई तकनीकों को शामिल किया गया है। ग्रामोफोन युग के माहौल को पुनर्जीवित करने के लिए आर्ट प्रेक्टिसेज को एक साथ लगाया गया है।

प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद विद्या शाह द्वारा मल्टीमीडिया परफॉर्मेंस दी गई, जो ग्रामोफोन युग की महिला गायकों की प्रस्तुति पर आधारित थी। दर्शकों को उस समय का अनुभव कराने व इसके जरिए महिला गायकों की चुनौतियों, उनके साहस व भारतीय संगीत में उनकी विविध प्रस्तुतियों के बारे में बताने के लिए पटकथा वाली इस प्रस्तुति में कहानी, दृश्य और संगीत को शामिल गया है।

यह प्रदर्शनी जवाहर कला केंद्र की हाल ही में नवीनीकृत की गई म्यूजियम गैलरीज में लगाई गई है, जो दर्शकों के लिए 30 अप्रैल (सोमवार व सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर) तक खुली रहेगी।

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